किसानों को मिलेगा यूनिक आईडी, सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ
किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम Farmers Registry
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। राज्य में ‘किसानों की रजिस्ट्री’ (farmers registry) नामक एक व्यापक अभियान शुरू किया जा रहा है, जिसमें लाखों किसानों को पंजीकृत किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ पहुंचाना है। यह अभियान 1 जुलाई से शुरू किया जाएगा।
क्या है ‘किसानों की रजिस्ट्री’?
‘किसानों की रजिस्ट्री’ एक यूनिक आईडी है जो किसानों को दी जाएगी। इस आईडी का उपयोग विभिन्न लाभों और सुविधाओं के लिए किया जा सकेगा, जैसे कि कृषि ऋण, बीमा, कृषि क्रेडिट सुविधाएं और पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत धन प्राप्त करना।
अभियान की विशेषताएं
इस अभियान के तहत राज्य सरकार किसानों को ‘किसानों की रजिस्ट्री’ प्रदान करेगी, जो देशभर के सभी किसानों का एक संघीकृत रजिस्टर होगा। यह रजिस्टर राज्य सरकार द्वारा आम मानकों के अनुसार तैयार किया जाएगा और केंद्र सरकार द्वारा संग्रहित किया जाएगा।
‘एग्री-स्टैक’ योजना का हिस्सा
‘किसानों की रजिस्ट्री’ ‘एग्री-स्टैक’ योजना का एक हिस्सा है, जो खेत की भूमि के रिकॉर्ड से जुड़ी होगी। इस पहल का उद्देश्य त्वरित, कुशल और पारदर्शी सेवा प्रदान करना है। यह कदम सरकार के प्रयासों को केंद्रित करता है ताकि किसान कल्याण और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा मिल सके।
Farmers Registry प्रारंभिक चरण और समयसीमा
फर्रुखाबाद जिले में पायलट परियोजना के रूप में इस अभियान की शुरुआत की गई थी, जिसमें 1,85,634 किसानों को रजिस्ट्री प्रदान की गई। केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किसान रजिस्ट्री को अनिवार्य कर दिया है, जिसके कारण राज्य सरकार ने सभी किसानों की रजिस्ट्री 30 सितंबर से पहले करने का निर्णय लिया है।
रजिस्ट्री में शामिल जानकारी
किसानों की रजिस्ट्री में किसान का नाम, पिता का नाम, कृषि भूमि का रिकॉर्ड, मोबाइल नंबर और आधार नंबर के साथ ई-केवाईसी विवरण शामिल होंगे। यह पहल किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए ऑनलाइन पंजीकरण, विशेषज्ञों से सलाह और नए कार्यक्रमों की शुरुआत के लिए अन्य संस्थानों से संपर्क करने में मदद करेगी।
मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से पंजीकरण
इस रजिस्ट्री को तैयार करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक टीम मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करेगी। इस टीम में राजस्व, कृषि, पंचायती राज, गन्ना विकास और बागवानी विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा, ग्रामीण विकास विभाग की बीसी सखियों को भी व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया जाएगा।
Farmers Registry अभियान का समन्वय और निगरानी
इस पूरे अभियान की निगरानी एक 15 सदस्यीय समन्वय समिति द्वारा की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। समिति के अन्य सदस्यों में कृषि उत्पादन आयुक्त और राजस्व, योजना, बागवानी, गन्ना और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव इस समिति के सदस्य-सचिव होंगे।
Farmers Registry भविष्य की योजनाएं
राज्य सरकार ने रिमोट सेंसिंग की मदद से नक्शे तैयार करने की प्रक्रिया को भी तेज करने की योजना बनाई है। इसके अनुसार, प्रत्येक कृषि भूमि को भू-संदर्भित किया जा रहा है और भूमि राजस्व रिकॉर्ड का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। इसी प्रकार, खरीफ, रबी और जायद फसलों का वास्तविक समय में सर्वेक्षण भी किया जा रहा है।
निष्पक्षता और पारदर्शिता की ओर कदम
Farmers Registry अभियान का उद्देश्य किसानों को त्वरित, कुशल और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करना है, जिससे कि उन्हें विभिन्न योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम किसानों के कल्याण और कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।