TDS On Fixed Deposit: मुंबई: अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करवाने का मन बना रहे हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपकी मेहनत की कमाई पर TDS न कटे। खासकर अगर आपकी आय टैक्स के दायरे में नहीं आती है। आइए जानते हैं कि कौन से फॉर्म आपको भरने चाहिए और किस प्रकार ये आपकी बचत को सुरक्षित रख सकते हैं।
एफडी पर TDS कटौती के नियम
फिक्स्ड डिपॉजिट पर अर्जित ब्याज, यदि वह एक वर्ष में 40,000 रुपये से अधिक हो जाता है, तो उस पर TDS (Tax Deducted at Source) काटा जाता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है। यह TDS व्यक्ति की कुल आय में जोड़ा जाता है और इसके बाद उस पर आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है।
फॉर्म 15G और 15H के बारे में जानकारी (tax deducted at source for 15g / 15h)
फॉर्म 15G
फॉर्म 15G उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी आय आयकर के दायरे में नहीं आती। इसे 60 वर्ष से कम आयु के लोग और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) भर सकते हैं। यह फॉर्म इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 197A के तहत आता है। इस फॉर्म को भरकर आप बैंक को यह जानकारी देते हैं कि आपकी वार्षिक आय टैक्स के दायरे में नहीं आती, जिससे बैंक आपकी एफडी पर TDS नहीं काटेगा।
फॉर्म 15H
फॉर्म 15H विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग) के लिए होता है। इस फॉर्म को भरकर वरिष्ठ नागरिक एफडी पर अर्जित ब्याज पर (TDS On Fixed Deposit) TDS कटौती से बच सकते हैं। लेकिन यह फॉर्म तभी भरें जब आपकी टैक्स योग्य आय शून्य हो। यह फॉर्म उस बैंक शाखा में जमा करना होता है जहां आप अपनी एफडी जमा कर रहे हैं।
फॉर्म 15G और 15H भरने का महत्व
फॉर्म 15G और 15H भरने का मुख्य उद्देश्य यह है कि यदि आपकी आय आयकर के दायरे में नहीं आती है, तो बैंक आपकी एफडी पर TDS नहीं काटेगा। यह प्रक्रिया आपको शुरुआत में ही पूरी करनी होती है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की कटौती से बचा जा सके।
अगर आपने समय पर यह फॉर्म नहीं भरा तो क्या होगा?
यदि आप फॉर्म 15G या 15H भरना भूल जाते हैं और बैंक आपके एफडी पर TDS (TDS On Fixed Deposit) काट लेता है, तो आप इसे अपने आयकर रिटर्न में क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए आपको आकलन वर्ष में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा, जिससे आयकर विभाग से रिफंड प्राप्त किया जा सकता है।
TDS On Fixed Deposit
फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS कटौती से बचने के लिए फॉर्म 15G और 15H का भरना बेहद जरूरी है, खासकर तब जब आपकी आय टैक्स के दायरे में नहीं आती है। यह प्रक्रिया सरल है और समय पर पूरी करने से आपकी बचत सुरक्षित रह सकती है। इसलिए, अगली बार जब आप एफडी करवाएं, तो यह फॉर्म अवश्य भरें और अपनी मेहनत की कमाई को TDS कटौती से बचाएं।